पर्वों का समूह : दीपावली
भारतवर्ष बिभिन्न त्योहारों और पर्वों के लिए विश्व प्रसिद्ध है , उत्तरायण, शिवरात्रि, होली, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, नवरात्रि, दशहरा आदि त्यौहारों को मनाते-मनाते आ जाती है पर्वों की हारमाला दीपावली। पर्वों के इस पुंज में ये पांच दिन मुख्य हैं : धनतेरस, काली चौदस (नरक चौदस), दीपावली, नूतन वर्ष और भाईदूज। धनतेरस से लेकर भाईदूज तक के ये पांच दिन आनंद और उत्सव मनाने के दिन हैं।
शरीर को रगड़-रगड़ कर स्नान करना, नये वस्त्र पहनना, मिठाइयाँ खाना, नूतन वर्ष का अभिनंदन देना-लेना, भाइयों के लिये बहनों में प्रेम और बहनों के प्रति भाइयों द्वारा अपनी ज़िम्मेदारी स्वीकार करना-ऐसे मनाये जानेवाले पांच दिनों के उत्सवों का नाम है ‘दीपावली पर्व’। आइये अब दीपावली पर मनाये जाने वाले इन पाँच पर्वों के वारे में विस्तार से जानें ।
धन तेरस :
यह त्योहार हिन्दी कलेन्डर के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की तेरस / त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है, कहते हैं इस दिन वैद्य धन्वंतरि महाराज खारे सागर में से औषधि अमृत लेकर प्रकट हुए थे। आपका जीवन भी औशधियो के द्वारा शारिरिक स्वास्थ्य- सम्पदा से स्म्रर्ध हो सके, ऐसी स्म्रति देता हुआ जो पर्व है, वही है ‘धनतेरस। यह पर्व धन्वंतरि द्वारा प्रणीत आरोग्यता के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाकर सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रहने का संकेत देता है।
धन त्रयोदशी के दिन कुछ लोग ञ वर्तन खरीदते हैं। कुछ लोग गहने / आभूषण / सोना चाँदी आदि खरीदते हैं। इस दिन यह शुभ माना जाता हैं । और इस दिन का खरीदा हुआ आगे चल कर फाइदा देता है ऐसी मान्यता है।
शास्त्रो के अनुसार इस दिन प्र्तएक व्यक्ति को इस दिन साँय काल के समय एक दीपक तेल से भरकर प्रज्वलित करे और उसका गंध आदि से पूजन करके अपने मकान के दरवाजे पर अन्ना के एक छोटी ढेरी के ऊपर रखे। यह ध्यान रहे की यह दीपक रात भर जलते रहना चाहिए, बुझाना चाहिए।
इस दिन ही सायकाल के समय यम राज की प्रसन्नता के लिए एक और दीपक दान करने का विधान है।इसके लिए किसी पात्र में मिट्टी के दीपक रख कर उन्हें तिल के तेल से भरकर नई रूई की बत्ती डाले और उसको प्रज्वलित करके पुष्प आदि से पूजित करके फिर दक्षिण दिशा की ओर मुँह करके यह मंत्र बोल कर ‘’ मृत्यूना दण्डपाशाभ्याम कालेनश्यामया सह।त् त्रयोदश्याम दीप दानात सूर्यजः प्रीयताम मम ।‘’ इस दीप का दान करे तो यम राज प्रसन्न होते हैं ।
नोट: इस वर्ष धन तेरस का त्योहार 10 Nov 2023 को है।
रूप चतुर्दशी
भारतवर्ष बिभिन्न त्योहारों और पर्वों के लिए विश्व प्रसिद्ध है , उत्तरायण, शिवरात्रि, होली, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, नवरात्रि, दशहरा आदि त्यौहारों को मनाते-मनाते आ जाती है पर्वों की हारमाला दीपावली। पर्वों के इस पुंज में ये पांच दिन मुख्य हैं : धनतेरस, काली चौदस (नरक चौदस), दीपावली, नूतन वर्ष और भाईदूज। धनतेरस से लेकर भाईदूज तक के ये पांच दिन आनंद और उत्सव मनाने के दिन हैं।
शरीर को रगड़-रगड़ कर स्नान करना, नये वस्त्र पहनना, मिठाइयाँ खाना, नूतन वर्ष का अभिनंदन देना-लेना, भाइयों के लिये बहनों में प्रेम और बहनों के प्रति भाइयों द्वारा अपनी ज़िम्मेदारी स्वीकार करना-ऐसे मनाये जानेवाले पांच दिनों के उत्सवों का नाम है ‘दीपावली पर्व’। आइये अब दीपावली पर मनाये जाने वाले इन पाँच पर्वों के वारे में विस्तार से जानें ।
धन तेरस :
यह त्योहार हिन्दी कलेन्डर के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की तेरस / त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है, कहते हैं इस दिन वैद्य धन्वंतरि महाराज खारे सागर में से औषधि अमृत लेकर प्रकट हुए थे। आपका जीवन भी औशधियो के द्वारा शारिरिक स्वास्थ्य- सम्पदा से स्म्रर्ध हो सके, ऐसी स्म्रति देता हुआ जो पर्व है, वही है ‘धनतेरस। यह पर्व धन्वंतरि द्वारा प्रणीत आरोग्यता के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाकर सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रहने का संकेत देता है।
धन त्रयोदशी के दिन कुछ लोग ञ वर्तन खरीदते हैं। कुछ लोग गहने / आभूषण / सोना चाँदी आदि खरीदते हैं। इस दिन यह शुभ माना जाता हैं । और इस दिन का खरीदा हुआ आगे चल कर फाइदा देता है ऐसी मान्यता है।
शास्त्रो के अनुसार इस दिन प्र्तएक व्यक्ति को इस दिन साँय काल के समय एक दीपक तेल से भरकर प्रज्वलित करे और उसका गंध आदि से पूजन करके अपने मकान के दरवाजे पर अन्ना के एक छोटी ढेरी के ऊपर रखे। यह ध्यान रहे की यह दीपक रात भर जलते रहना चाहिए, बुझाना चाहिए।
इस दिन ही सायकाल के समय यम राज की प्रसन्नता के लिए एक और दीपक दान करने का विधान है।इसके लिए किसी पात्र में मिट्टी के दीपक रख कर उन्हें तिल के तेल से भरकर नई रूई की बत्ती डाले और उसको प्रज्वलित करके पुष्प आदि से पूजित करके फिर दक्षिण दिशा की ओर मुँह करके यह मंत्र बोल कर ‘’ मृत्यूना दण्डपाशाभ्याम कालेनश्यामया सह।त् त्रयोदश्याम दीप दानात सूर्यजः प्रीयताम मम ।‘’ इस दीप का दान करे तो यम राज प्रसन्न होते हैं ।
नोट: इस वर्ष धन तेरस का त्योहार 10 Nov 2023 को है।
रूप चतुर्दशी